प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल के उपयोग व जानकारी
प्रोजेस्टेरोन एक फीमेल हॉर्मोन है। जो महिलाओं के मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करता है। प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन प्रेगनेंसी के दौरान भी बहुत ही जरुरी होता है। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन महिलाओं के गर्भाशय को प्रेगनेंसी के लिए तैयार करता है। जिन महिलाओं को बच्चे पैदा नहीं हो रहे है। ऐसी महिलाओं को भी डॉक्टर प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को लेने की सलाह दे सकते है। महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन की कमी होने पर महिलाओं को प्रेगनेंट होने में परेशानी हो सकती है। महिलाओं के मासिक धर्म अनियमित हो सकते है। और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन की कमी बहुत ज्यादा होने पर मासिक धर्म का आना बंद भी हो सकता है। और प्रेगनेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन की कमी होने की वजह से महिलाओं में मिसकैरेज होने का जोखिम अधिक हो जाता है। या बच्चा नौ महीने पूरे होने से पहले भी हो सकता है।
प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल का उपयोग महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली कॉम्प्लीकेशन्स से बचने के लिए और महिलाओं के मासिक धर्म को नियमित करने के लिए और महिलाओं में हॉर्मोन असंतुलन होने पर प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल का उपयोग किया जाता है। महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन की कमी होने पर सिरदर्द रहना, स्वभाव चिडचिड़ा व उदास रहना, लगातार वजन बढ़ना, प्रेगनेंट होने में परेशानी होना, मासिक धर्म अनियमित होना, नींद न आना, तनाव व चिंता रहना और त्वचा में सूखापन होना आदि लक्षण महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन की कमी होने की वजह से हो सकते है।
प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल 100 एमजी, 200 एमजी, 300 एमजी व 400 एमजी की स्ट्रेंथ में अवेलेबल है। प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को लूपीजैस्ट और सस्टेन आदि ब्रैन्ड नेम से भी जाना जाता है।
प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल की डोज़ व इस्तेमाल करने का तरीका
प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को खाना खाने से 1 घंटे पहले या खाना खाने के 1 घंटे बाद लेना रेकमेंडेड होता है। आमतौर पर 18 वर्ष से अधिक उम्र की ज्यादातर महिलाओं को डॉक्टर प्रोजेस्टेरोन 200 एमजी से लेकर प्रोजेस्टेरोन 300 एमजी कैप्सूल को दिन में 1 बार और रात को सोते समय लेने की सलाह देते है। जरुरत पड़ने पर डॉक्टर कुछ महिलाओं को प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को दिन में 2 बार सुबह व शाम को भी लेने की सलाह दे सकते है। प्रेगनेंट महिलाओं को डॉक्टर प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने तक ही प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को लेने की सलाह देते है। और प्रेगनेंट महिलाओं में प्रेगनेंसी के 3 महीने पुरे होने के बाद प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को बंद करने की सलाह देते है। प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल की डोज़ उम्र, शरीर के वजन और बीमारी की गंभीरता के आधार पर कुछ महिलाओं में इससे अलग भी हो सकती है। इसलिए आपको प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
साइड इफेक्ट्स
वैसे तो ज्यादातर महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल की वजह से कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते है। लेकिन कुछ परसेन्ट महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल की वजह से कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते है। जैसे उल्टी आना, उल्टी आने का मन होना, सिरदर्द होना, चक्कर आना, नींद अधिक आना, शरीर में थकान होना, स्वभाव में बदलाव होना, आँखों में धुँधलापन होना, कब्ज होना, दस्त होना, पेट में दर्द होना, पेट में भारीपन होना, सीने में जलन होना, रात में पसीना अधिक आना, महिलाओं की वजाईना से डिस्चार्ज होना, वजाईना में सूखापन होना, हाथों व पैरों में सूजन होना और महिलाओं की ब्रैस्टअ में दर्द होना आदि साइड इफेक्ट्स प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल की वजह से हो सकते है।
सावधानियां
लिवर की कोई गंभीर बीमारी होने पर, डीप वेन थ्राम्बोसिस होने पर, पल्मोनरी एम्बोलिज्म होने पर, स्तन कैंसर होने पर, महिलाओं की योनि में ब्लीडिंग होने पर, लकवा लगने पर और दिल का दौरा पड़ने पर प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को लेना रेकमेंडेड नहीं होता है। इसलिए इन कंडीशन्स में डॉक्टर की सलाह के बिना प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को नहीं लेना चाहिए।
क्या स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल का सेवन सुरक्षित है?
स्तनपान करा रही महिलाओं को डॉक्टर प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को लेने की सलाह तभी देते है। जब प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल का देना बहुत ही जरुरी हो। वैसे प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल माँ के दूध में थोड़ी सी मात्रा में निकलता है। लेकिन अभी इसके बारे में पर्याप्त डेटा अवेलेबल नहीं है, की प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल स्तनपान करा रही महिलाओं को नुकसान पहुँचाता है, या नहीं। इसलिए स्तनपान करा रही महिलाओं को प्रोजेस्टेरोन कैप्सूल को डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए।
Salt Composition: Progesterone (Natural Micronized)
Drug Class - Progestins (Female Hormones)
Pregnancy Category - B
Dosage Forms & Strengths - 100 mg, 200 mg, 300 mg, 400 mg